छत्तीसगढ़ : दुर्ग जिले में घटित फर्जी ई डी अधिकारी बनकर अपहरण, एक्सटॉर्सन कर 2 करोड रूपये की धोखाधड़ी के सनसनीखेज मामले का खुलासा।
पुलिस की तत्परता से घटना की सूचना के 2 घण्टे के अंदर आरोपियो के नाम पता एवं फोटो की पहचान सुनिश्चित करने में मिली सफलता।
30 घण्टे के अंदर 3 आरोपियो को एवं 3 दिन के अंदर गिरोह के 9 प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार करने में मिली सफलता।
कुल नगदी रकम 1 करोड 25 लाख 16 हजार रूपये, 2 लाख 19 हजार रूपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एण्ड्रायड एवं की-पैड मोबाईल फोन, 1 लाख 20 हजार रूपये का परफ्यूम एवं अन्य सामान, 2 नग ईडी - सीबीआई के अधिकारी के पदनाम का फर्जी आइडेंटिटी कार्ड जुमला कीमती तकरीबन 1 करोड 43 लाख 55 हजार रूपये का बरामद।
मुंबई के गोरेगांव, मुम्ब्रा, गुंजा, कोनगांव, पालघर, मानपाड़ा, अंधेरी पष्चिम, वर्तक नगर एवं नासिक के ओझर व डिंडोरी थाना क्षेत्रो में 1 हफ्ते तक चला लगातार ऑपरेशन।
मुबंई व नासिक में एएसपी संजय ध्रुव एवं आईपीएस वैभव बैंकर के नेतृत्व में 6 टीमों ने लगातार चलाया गिरफ्तारी एवं बरामदगी का ऑपरेशन।
आईपीएस प्रभात कुमार, डीएसपी राजीव शर्मा एवं एसीसीयू प्रभारी संतोष मिश्रा के नेतृत्व में मैदानी टीम को उपलब्ध करायी गयी लगातार तकनीकी सहायता।
मुंबई एवं नासिक पुलिस द्वारा दुर्ग पुलिस को मिला अद्वितीय सहयोग, वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से भेजा जायेगा प्रशंसा पत्र।
सिर्फ मुंबई शहर के अंदर 2500 किलो मीटर से अधिक चली दुर्ग पुलिस की गाड़िया, शहर के चप्पे-चप्पे को छाना।
गिरोह के द्वारा पूर्व में भी इसी तरीका वारदात से मुंबई एवं कर्नाटक में दिया जा चुका है 5 घटनाओं को अंजाम।
पिछले 5 आरोपो में फरार गिरोह का सरगना हमिद पहली बार चढ़ा पुलिस के हत्थे।
जिस गिरोह से एकबार भी नही हो पायी थी पैसो की बरामदगी उसी गिरोह से दुर्ग पुलिस ने किये 70% की बरामदगी, बाकी पैसो के भी बरामदगी के किये जा रहे है प्रयास।
छत्तीसगढ़ ( दुर्ग ) ओम प्रकाश सिंह । दिनांक 27.06.2023 को प्रार्थी अखिलेश गुप्ता उर्फ विनीत गुप्ता पिता स्व0 बद्रीप्रसाद गुप्ता, 53 वर्ष निवासी प्लाट नंबर 05 जयंतीनगर सिकोला भाठा दुर्ग ने थाना मोहन नगर आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज करायी कि रविन्द्र यादव से उसकी पुरानी जान पहचान थी जिसने एक प्लान सुझाया जिसमें अच्छा मुनाफा होने की बताया, जिसे मैं अभिषेक पाटनी को उक्त स्कीम के संबंध में बताया था। जो कि हम दोनो 1 करोड रूपये इन्वेस्ट करने के लिये तैयार को गये तो उसके एजेंट ने बताया कि कम से कम 2 करोड इन्वेस्ट करना पडेगा। तब गजानंद वैरागढे ने कहा कि कंपनी का जो आदमी फंड चेक करने आयेगा वह इस वक्त बाहर गाडी में बैठा है अगर आप 2 करोड का काम करने को तैयार हो तो मैं उसे बुला लेता हूं।
जिससे मैं अपने साथी अभिषेक पाटनी, हरिषरण पांडेय, रविन्द्र यादव से इन्वेस्ट करने के बारे में पूछा तो सभी लोग 50-50 लाख रूपये इन्वेस्ट करने को तैयार हो गये। हमारे हॉ कहने पर गजानंद वैरागढे़ ने एक व्यक्ति को बुलाया जिसने अपना नाम गिरिष वालेचा निवासी मुंबई का होना बताया और उसने हमें इंडस टॉवर लिमिटेड कंपनी का पोर्टफोलियो एवं अपना कंपनी का आई.डी कार्ड दिखाया। उसने अपनी कंपनी का खाता नंबर भी दिया जिसको हमारे द्वारा चेक कराने पर उसमें पर्याप्त रकम बैलेष होना भी पता चला। जिससे हम लोगों को भरोसा हो गया। जिससे हम लोगों ने फंड ट्रांसफर करने के लिये 27.06.2026 का दिन तय किया। जिसके अनुसार हम लोग अलग-अलग 5 थैलों में 2 करोड रूपये इकटठा करके रखे थे।
कुछ देर बाद गजानंद वैरागढे के साथ में कंपनी का आदमी गिरीष वालेचा हमारे ऑफिस पारख काम्पलेक्स आयें, कैष को चेक किया और किसी व्यक्ति को फोन करके बताया। तभी कुछ देर में अचानक ऑफिस के अंदर 05 आदमी आये जो कि सफेद शर्ट, खाकी पैंट पहने हुये थे जो अपने आप को म्क् का ऑफिसर होना बता रहे थे और ब्लैकमनी को ट्रांसफर कर मनी मनीलॉण्ड्रिग का कारोबार कर रहे हो तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करेंगें कह कर धमकाने लगे और मुझे एवं गिरीष वालेचा को साथ लेकर पांचो थैले मे रखे 2 करोड रूपये नगदी को साथ लेकर काले रंग की स्कॉरपियो वाहन क्रमांक डच् 0र्3 7411 में बिठाकर नगदी से भरे बैगों को रखकर राजनांदगांव की ओर ले गये और रास्ते में ठाकुर टोला टोल प्लाजा के पास मुझे गाड़ी से उतारकर गिरीष वालेचा को साथ लेकर चले गये।
कुछ देर बाद मुझे समझ में आया कि गिरीष वालेचा ने उक्त सभी व्यक्तियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से उसके साथियों ने म्क् का अधिकारी बनकर मनीलॉण्ड्रिग के केस में जेल भेज देने की धमकी देकर हमलोगो के साथ 2 करोड रूपये की ठगी की है कि रिपोर्ट पर थाना मोहन नगर में अपराध क्रमांक 273/2023 धारा 419,420,384,389,365,120-बी,170,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त संदेहियो के मोबाईल नंबर प्राप्त कर उनके मोबाईल नंबरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर तकनीकी विष्लेषण किया गया जिससे उनकी उपस्थिति मुंबई महाराष्ट्र में होना पता चला जिससे पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देष पर तत्काल अतिरक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव (रा.पु.से.) एवं नगर पुलिस अधीक्षक, दुर्ग वैभव रमनलाल बैंकर (भा.पु.से.) के नेतृत्व में थाना प्रभारी छावनी, ।ब्ब्न् एवं थाना मोहन नगर के अधिकारी/कर्मचारियों की टीम गठित की गयी जिन्हे पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग क्षेत्र दुर्ग से आरोपी पतासाजी एवं विवेचना हेतु दिगर प्रांत मुंबई महाराष्ट्र जाने की अनुमती प्राप्त कर पतासाजी हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा मुंबई में आरोपी गिरीष श्रीचंद वालेचा को घेराबंदी कर पकड़ा गया।
जिससे घटना के संबंध में पूछताछ करने पर दुर्ग के व्यापारी अखिलेष गुप्ता के साथ अपने मुबंई निवासी साथियों अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किषोर चौबल उर्फ कैलाष एवं नासिक निवासी संजय आईरे उर्फ विजय एवं अन्य साथी राषिद, शाहिद, हासिम उर्फ आषू एवं गिरीष की पत्नि नगमा मोहम्मद हुसैन अंसारी के साथ मिलकर संयत्र रच कर योजनाबद्ध तरिको से म्क् का अधिकारी बनकर प्रार्थी को मनीलाण्ड्रिग के केस मे जेल भेज देने की धमकी देकर अपहरण कर 2 करोड रूपये की ठगी करना स्वीकार किया जिससे प्रकरण के अन्य आरोपी अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किषोर चौबल उर्फ कैलाष, संजय आईरे उर्फ विजय एवं नगमा को मुंबई एवं नासिक से अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया।
आरोपियों की निषानदेही पर उनके कब्जे से पृथक-पृथक कुल नगदी रकम 1 करोड 25 लाख 16 हजार रूपये, 2 लाख 19 हजार रूपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एण्ड्रायड एवं की-पैड मोबाईल फोन, 1 लाख 20 हजार रूपये का परफ्यूम एवं अन्य सामान, 2 नग म्क् - ब्ठप् के अधिकारी के पदनाम का फर्जी प्कमदजपजल बंतक तथा घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो वाहन क्रमांक डच् 0र्3 7411 व अर्टिगा कार क्रमांक डभ् 04 ज्ञॅ 6037 जुमला कीमती तकरीबन 1 करोड 43 लाख 55 हजार रूपये का बरामद कर जप्त किया गया। उपरोक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमाण्ड हासिल कर लाया गया है।
आरोपियों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही थाना मोहन नगर से की जा रही है।
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