छत्तीसगढ़ : "231वीं वाहिनी के द्वारा मनाया गया सीआरपीएफ दिवस: साहस, बलिदान और शौर्य का सम्मान, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि"।

छत्तीसगढ़ : "231वीं वाहिनी के द्वारा मनाया गया सीआरपीएफ दिवस:  साहस, बलिदान और शौर्य का सम्मान, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि"।



छत्तीसगढ़ ( जावंगा गीदम-दन्तेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह231 बटालियन जावंगा गीदम दंतेवाड़ा के मुख्यालय प्रांगण में 85वाँ  सीआरपीएफ दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत बल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धा-सुमन अर्पित कर किया गया इस कार्यक्रम में  सुरेन्‍द्र सिंह कमाण्‍डेंट, जयन पी. सैमुअल (द्वितीय कमान अधिकारी), मुकेश कुमार चौधरी (उप कमाण्‍डेंट), प्रताप कुमार बेहरा (उप कमाण्‍डेंट), चिकित्सा अधिकारी और अधीनस्‍थ अधिकारी एवं जवानों द्वारा बटालियन में निर्मित शहीद स्‍मारक पर बल के शहीदों को श्रद्धांजलि एवं श्रध्दा - सुमन अर्पित करते हुए नमन किया, इसके पश्‍चात क्‍वार्टर गार्ड पर कमाण्‍डेंट को सलामी दी गई।



 

सुरेन्‍द्र सिंह कमाण्‍डेंट 231 बटालियन ने जवानों को संबोधित करते हुए सभी जवानों को बधाई एवं शुभकामनाएं ज्ञापित की एवं उसके पश्चात सैनिक सम्मेलन के दौरान उन्‍होंने बल के गौरवमयी इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की नींव क्राउन रिप्रेंजेटेटिव पुलिस के नाम से 27 जुलाई 1939 को रखी गई थी और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में 19 मार्च के दिन ही सीआरपीएफ को झंडा यानी 'प्रेसीडेंट कलर्स' प्रदान किया था।

 

सीआरपीएफ, देश का इकलौता ऐसा अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना आजादी से पहले हो गई थी। कमाण्‍डेंट  द्वारा वर्तमान के बदलते परिदृश्य में केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल की चुनौतियों एवँ देश में शाँति व सदभाव बनाये रखने में बल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बल की गौरवशाली गाथाओं के बारे में बताया और जवानों को अनुशासन कायम रखते हुए पूर्ण निष्ठा एवँ ईमानदारी से ड्यूटी करने तथा राष्‍ट्र सेवा करने हेतु प्रोत्साहित किया।



 बटालियन के प्रांगण में संध्या के समय बालीबाल मैच का भी आयोजन किया गया जिसमें वाहिनी के कार्मिकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।  कमाण्‍डेंट ने सभी खिलाडि़यों का हौसला बढ़ाया और विजेतओं को पुरस्‍कार प्रदान किए। रात्रि में सभी कार्मिक बड़े खाने में सम्मिलित हुए।

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