छत्तीसगढ़ : नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविज़न कमेटी के सचिव गंगा ने जारी किया- प्रेस नोट।
ऑपरेशन कगार के अंतर्गत जगरगोण्डा, चिंतलनार थाना इलाकों के गांवों पर डीआरजी एवं अर्ध सैनिक बलों द्वारा संयुक्त रूप से हमला कर 47 से अधिक साधारण जनता को गिरफ्तार करके सुकमा ले गये जिन्हें निशर्त रिहा करें !
पुलिस एवं डीआरजी गुण्डों ने जनता पर की गई अंधाधुंध फायरिंग, गिरफ्तार, मारपीट, लूटपाट को कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करे!
छत्तीसगढ़ ( दक्षिण बस्तर ) ओम प्रकाश सिंह । ऑपरेशन कगार के अंतर्गत केन्द्रीय अर्ध सैनिक बल, जिला पुलिस एवं डीआरजी गुण्डों द्वारा संयुक्त रूप से बीते 3 मई, 2024 को सुकमा जिले के जगरगोण्डा, चिंतलनार थाना इलाकों के रायगुड़ा, चिन्ना बोडकेल, पेद्दा बोडकेल, तुम्मलपाड़, सुरपनगुड़ा, तिम्मापुरम, जोन्नागुड़ा और अलिगुड़ा गांवों पर रातों-रात हमला किया गया है। चिन्ना बोडकेल, रायगुड़ा के पास जनता के ऊपर एकतरफा अंधाधुंध फायरिंग किया जिसमें एक ग्रामीण को हाथ में गोली लगने से घायल हुआ।
पुलिस बलों ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ होने का दावा किया था हालंकि यह सरासर झूठ है, उस वक्त वहां कोई पीएलजीए दस्ता मौजूद नहीं था. इन गांवों से लगभग 47 से अधिक साधारण खेती किसानी करने वाले ग्रामीण जो कि पार्टी से कोई संबंध नहीं है को गिरफ्तार करके सुकमा ले गये। रायगुड़ा के निर्दोष माड़वी बुधरी, मड़का दामा, जोगी, कोसी, जोगा को बेदम पीटा गया, महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की गई।
घरों से दारू, अण्डा, सूखी मछली, कपड़ा - लता, तीर-धनुष, चाकु आदि लूट कर ले गये. धान, दाल, चावल, खाना, बर्तन आदि घरों से बाहर फेंक दिये।
गांवों पर आधी रात को हमले, पुलिस व डीआरजी की गुण्डागर्दी के कारण लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं।
2 दिन तेन्दुपत्ता संग्रहण नही कर पाये है रोज सुबह उठकर अपनी खेत-खलिहानों, वनोपज संग्रहण करने जाने के लिए डर रहे हैं वनोपज, तेन्दुपत्ता संग्रहण में भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। लोग एक गांव से दूसरे गांव या शहरों में हाट-बाजारों में खरीदारी के लिए; सगे-संबंधियों से मिलने जाने; शादी, त्यौहारों आदि में शामिल होने नहीं जा पा रहे हैं।
0 Comments